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Testimonials

ईईसीपी के बाद 10 साल से पेशेंट एकदम स्वस्थ बिना बायपास शस्त्रक्रिया ही निकले 10 साल नागपुर के सुप्रसिद्ध प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सचिन देव्हारे इनके जानेमाने एकमात्र नए और आवाज रहित ईईसीपी मशीन द्वारा युक्त मुग्धा ईईसीपी एंड हार्ट केयर सेंटर अजनी चौक नागपुर यहां वाडी निवासी श्री सुरेशजी रामटेके इन्होंने अपना इलाज ईईसीपी तथा किलेक्शन थेरे ...Read More ईईसीपी के बाद 10 साल से पेशेंट एकदम स्वस्थ बिना बायपास शस्त्रक्रिया ही निकले 10 साल नागपुर के सुप्रसिद्ध प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सचिन देव्हारे इनके जानेमाने एकमात्र नए और आवाज रहित ईईसीपी मशीन द्वारा युक्त मुग्धा ईईसीपी एंड हार्ट केयर सेंटर अजनी चौक नागपुर यहां वाडी निवासी श्री सुरेशजी रामटेके इन्होंने अपना इलाज ईईसीपी तथा किलेक्शन थेरेपी द्वारा किया। सुरेश रामटेकेजी ने बताया की पिछले 10 साल से वह एकदम स्वस्थ है, उन्हे 10 साल पूर्व 2015 में हार्ट अटैक आने के कारण एंजियोग्राफी कराया जिसमें उनके ह्रुदय की तिनों नलिकाये 80 से 90% ब्लॉक दिखाई गई और उनका हार्ट का पंपिंग भी 30% पर कम हुआ मिला जिस कारण उन्हें जल्द से जल्द बाईपास ऑपरेशन करने के लिए कहा गया अन्यथा उनकी एक दो महीने में ही मृत्यु होने के लिए संभावना बताई गई परंतु श्री सुरेशरामटेके जी ने अपना हार्ट का इलाज ऑपरेशन द्वारा ना करते हुए ईईसीपी तथा किलेशन द्वारा करने का ठान लिया और उन्होंने 2015 में ही अस्पताल के झांसे में ना आके ईईसीपी से द्वारा उपचार लिया और वह कुछ दिनों में ही स्वस्थ हो गए उन्हें पूरा ट्रीटमेंट लेने के बाद बाईपास करने की जरूरत ही ना पड़ी और वह अपना अगला जीवन आज तक 202४ में भी स्वस्थ है और और अगले 10 साल ऐसेही निकालने के लिए उन्होंने फिर से ईईसीपी तथा ACT उपचार का चयन किया जो कि अगले आने वाले संभाव्य हार्ट अटैक को रोक सके और अपना उर्वरित जीवन वह बिना ऑपरेशन बिना एंजियोप्लास्टी से निकाल सके। इसलिए श्री सुरेश जी रामटेक इन्होंने सब ह्रदय रोगियों को आवाहन किया है की अपने हृदय का इलाज बिना शास्त्र क्रिया और बिना एंजियोप्लास्टी ईईसीपी द्वारा जो कि एंजियोप्लास्टी और बाईपास जैसे ही Pure Allopathy US FDA मान्यता प्राप्त उपचार पद्धति है और सब ने इसका चयन प्रथम चरण मैं करना चाहिए। यह कम खर्चीली, वेदना रहित, बिना चिरफाड तथा बिना साइड इफेक्ट ट्रीटमेंट है और इसका लाभ भी एंजियोप्लास्टी या बाईपास से भी अच्छा होता है जबकि एंजियोप्लास्टी के स्टैंट 3 साल में बंद होने के तथा बाईपास के ग्राफ्ट 5 साल में बंद होने के चांसेस होते हैं वही ईईसीपी इलाज अगले 10 साल तक भी बिना ऑपरेशन का टिका रहता है और पेशेंट को उसका अगला जीवन भी कम से कम दवाइयां के साथ निकाला जा सकता है। हर रुग्ण कोएंजियोप्लास्टी या बाईपास की जरूरत नहीं पडती। और उन्होंने हृदय रुग्ण को शस्त्र किया करने के पूर्व एक बार जरूर ईईसीपी ट्रीटमेंट के बारे में परामर्श करने के लिए आवाहन किया तथाश्री सुरेशजी रामटेके इन्होंने डॉ सचिन देव्हारे डॉ रिता देव्हारे तथा मुग्धा ईईसिपी हार्ट केयर सेंटर के सभी कर्मचारियों का रुग्नों के प्रति सेवा और प्रेम के लिए आभार व्यक्त किया।

Mugdha EECP & heart Care Center

"बाईपास के बाद बंद पड़े ग्राफ में ईईसीपी द्वारा सफल उपचार" नहीं करना पड़ा जानलेवा Redo Bypass ऑपरेशन नागपुर के जाने-माने प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सचिन देव्हारे इनके अजनी चौक स्थित मुग्धा ईईसीपी एंड हार्ट केयर सेंटर में हिंगणा निवासी श्री रामभाऊजी बांगले इनका इलाज ईईसीपी द्वारा सफलता पूर्ण किया गया श्री रामभाऊजी बांगडे इनका 5 साल पूर्वही ...Read More "बाईपास के बाद बंद पड़े ग्राफ में ईईसीपी द्वारा सफल उपचार" नहीं करना पड़ा जानलेवा Redo Bypass ऑपरेशन नागपुर के जाने-माने प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सचिन देव्हारे इनके अजनी चौक स्थित मुग्धा ईईसीपी एंड हार्ट केयर सेंटर में हिंगणा निवासी श्री रामभाऊजी बांगले इनका इलाज ईईसीपी द्वारा सफलता पूर्ण किया गया श्री रामभाऊजी बांगडे इनका 5 साल पूर्वही हार्ट में तीनों नलिकाएं बंद होने के कारण बाईपास ऑपरेशन करना पड़ा था परंतु 5 साल बाद ही उन्हें फिर से छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ होने के कारण उन्हें इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा तथा उनके एंजियोग्राफी करने के बाद उनके बाईपास में लगाई हुई तीनों नलिकाए पूर्णता बंद मिली तथा उन्हें पुणः बायपास ऑपरेशन करने की सलाह दी गई परंतु उनके डाँक्टर सुपुत्र जो एमडी मेडिसिन कर रहे है और उन्होंने ईईसीपी उपचार के बारे में पढ़ा और उन्होंने अपने पिताजी का इलाज Redo CABG ऑपरेशन यह पूर्णतया जोखिम भरा तथाजानलेवा होने के कारण ईईसीपी द्वारा करने का निश्चित किया तथा डॉ प्रमोद मुंद्रा इन्होंने भी उन्हें यह उपचार करने यही सलाह दी और पिछले 20 साल से भी ज्यादा हार्ट के उपचार में अनुभवी और पारंगत डॉ सचिन देव्हारे इनके मुग्धा ईईसीपी हार्ट केयर सेंटर के बारे में बताया और उनसे परामर्श करने के बाद उन्होंने 35 ईईसीपी तथा 15 ACT द्वारा उपचार शुरू किया उपचार शुरू होते ही अगले 10 से 15 दिनों में ही श्री राम भाऊ जी बांगडे इनके सांस लेने की तकलीफ सिने का दर्द पूर्णतया चला गया और उन्होंने अपना पूर्ण इलाज करने के बाद 2D echo तथा 3D vasculograhy द्वारा टेस्ट भी करवाया जहां उनके हृदय के सभी भागों में रक्त फ्लो पूर्ववत हुआ दिखाई दिया तथा उनका कोरोनरी इंडेक्स भी 0 पर आ पहुंचा इस प्रकार श्री रामभाऊजी बांगडे इन्हें दूसरा ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं पड़ी तथा वह अपना जीवन उपचार के बाद पिछले डेढ़ साल से अच्छे से व्यतीत कर रहे हैं उन्होंने हरहृदरोगी को आश्वासित किया कि वह अपना उपचार ईइसीपी के द्वारा बिना सर्जरी तथा बिना एंजियोप्लास्टी के भी कर सकते हैं और अगर बाईपास एंजियोप्लास्टी होने के बाद भी उन्हें आराम महसूस हो तो भी इस उपचार द्वारा वह अपना इलाज कर सकते हैं इस प्रकार श्री रामभाऊजी बांगडे इन्होंने डॉक्टर सचिन देव्हारे इनका तथा डॉ रीता देव्हारे और मुग्धा ईईसीपी एंड हार्ड केयर सेंटर के सभी कर्मचारियों का आभार प्रकट किया।

Mugdha EECP

कमजोर हृदय र ईईसीपी द्वारा सफल उपचार नहीं करना पड़ा महंगा ICD(Implantable Cardioverter Defibrillator) पेसमेकर डिवाइस ऑपरेशन नागपुर के जाने-माने प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सचिन देव्हारे इनके अजनी चौक स्थित मुग्धा ईईसीपी एंड हार्ट केयर सेंटर में अकोट निवासी श्रीमती मीना डोडानी इनका कमजोर हृदय का ईलाज ईईसीपी द्वारा सफलतापूर्ण किया गया। श्रीमती मी ...Read More कमजोर हृदय र ईईसीपी द्वारा सफल उपचार नहीं करना पड़ा महंगा ICD(Implantable Cardioverter Defibrillator) पेसमेकर डिवाइस ऑपरेशन नागपुर के जाने-माने प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सचिन देव्हारे इनके अजनी चौक स्थित मुग्धा ईईसीपी एंड हार्ट केयर सेंटर में अकोट निवासी श्रीमती मीना डोडानी इनका कमजोर हृदय का ईलाज ईईसीपी द्वारा सफलतापूर्ण किया गया। श्रीमती मीना डोड़नी इनको पिछले 3 साल से सांस लेने में तकलीफ, चलने फिर में दम सांस फूलना तथा हाथ पैरों में सूजन और चक्कर आकर गिरना इन परेशानियों का ईलाज चल रहा था उनका 2D एक करने पर उनके हार्ट का पंपिंग यह सिर्फ 15% तक गीरा हुआ निकाला जो की सामान्यतः 60% तक रहता है तथा उनके हृदय की गति भी यह सामान्य तरीके से ना चलते हुए अरिदमिक तरीके से चल रही थी जिस कारण उन्हें बार-बार हृदय बंद होने के कारण तथा गति कम होने के कारण चक्कर आकर गिरने की समस्या रहती थी तथा पंपिंग कम होने के कारण पूरे शरीर में सुजन तथा 10 से 15 पैर भी चलना मुश्किल हो रहा था इस बीमारी का कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा उपचार करने पर उन्हें एंजियोग्राफी करने की सलाह दी जिसमें उनकी हार्ट की एक नलिका 30 से 40% ब्लॉक निकली इस कंडीशन में उनको आईसीडी नामक पेसमेकर डिवाइस डालने के लिए सलाह दी जिसके द्वारा उनके हृदय की गति कम होने पे पेसमेकर शुरू होकर सामान्य करने में और हार्ट का रिदम बिगड़ने पर शौक देकर सामान्य किया जा सकता था परंतु इस डिवाइस का खर्चा यह 10 लाख रुपए तक जा रहा था तथा यह ऑपरेशन होने के बावजूद भी उन्हें पूर्णता आराम होने की शाश्वती कार्डियोलॉजिस्ट ने नहीं दी जिस कारण मरिज यह उपचार करना नहीं चाहता था। इसी दौरान उन्हें किसी ने हार्ट पंपिंग कम होने पर ईईसीपी करवाने की सलाह दी जिन्होंने यह उपचार मुग्धा ईईसीपी हार्ट केयर सेंटर में करा कर अपना हार्ट का पंपिंग बढ़ाया था। उनके लड़की ने20 साल से जादा अनुभवी तथा हृदय उपचार में पारंगत डॉक्टर सचिन देव्हारे इनके मुग्धा एसीपी हार्ट केयर केंद्र मे परामर्श करने के बाद उन्हें बताया गया है कि हृदय की पंपिंग या कमजोर हृदय पर ईईसीपी यह एकमात्र उपचार है जो हम हृदय का पंपिंग बढ़ाने में कामयाब साबित हुआ है और विदेशों में तथा मुंबई में भी एशियन हार्ट हॉस्पिटल में ऐसे लोगों का उपचार एसीपी द्वारा ही प्रथम किया जाता है या फिर उनको लास्ट में आईसीडी और बाद में हार्ट ट्रांसप्लांट बताया जाता है परंतु यह ऑपरेशन जोखिम भरा तथा जानलेवा हो सकता है इस कारण और उनके परिजनों ने उनका उपचार ईईसीपी द्वारा करना उचित समझा और निश्चित किया । इस प्रकार उन्हें 40 ईईसीपी तथा 5 ग्लूटा और 10ऐसिटी इंजेक्शंस द्वारा उपचार शुरू किया उपचार शुरू होते ही अगले 10 से 15 दिन में ही श्रीमती मीना डोड़नी इनके सांस लेने की तकलीफ तथा सूजन पूर्णतया चली गई जो की 15 पैर भी चल ना सकने वाली रुग्ण आधा किलोमीटर तक मॉर्निंग वॉक करना शुरू कर दिया धीरे-धीरे उपचार खत्म होने पर उनके हृदय की गति भी सामान्य होने लगी उनका रिदम भी बना रहने लगा। उपचार होने के बाद उनका अकोला के प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर बोहरा द्वारा 2ड़ी ईको कराया गया जिसमें उनका हार्ट का पंपिंग यह 30 से 35% तक बड़ा हुआ मिला तथा उनका 3D वास्क्युलोग्राफी द्वारा टेस्ट भी कराया गया जहां उनके हृदय के सभी भागों में रक्तसंचार पूर्ववत हुआ दिखाई गया तथा उनका कोरोनरी नँरोईंग इंडेक्स भी जीरो पर आया पहुंचा और उनका पंपिंग 40% तक बड़ा हुआ मिला इस तरह उपचार करने पर श्रीमती मीना डोड़नी जी नको आईसीडी अथवा हार्ट ट्रांसप्लांट ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ी और वह पिछले दो साल से अपना जीवन अच्छी तरह से व्यतित कर यही हैं। उन्होंने हृदय रोगी को आश्वासित किया कि वह अपना उपचार ईईसीपी के द्वारा बिना सर्जरी, बिना चिरफाड भी कर सकते हैं और अगर किसी को बाईपास एंजियोप्लास्टी या हृदय की कमजोरी के कारण आईसीडी पेसमेकर डिवाइस बताया हो तो उन्होंने उनका उपचार शुरू करने के पहले डॉक्टर सचिन देव्हारे इनके मुग्धा एसीपी हार्ट केयर सेंटर में एक बार जरुर परामर्श कराकर निश्चित कर ले। ईसप्रकार सफलता पूर्वक उपचार होने पर श्रीमती मीना डोडानी के दामाद एडवोकेट जसवानी तथा लड़की पूजा जसवानी इन्होंने डॉक्टर सचिनदेव्हारे, डॉक्टर रिता देव्हारे एवंम मुग्धा ईईसीपी एंड हार्ट केयर सेंटर के सभी कर्मचारियों का आभार प्रकट किया।

Mugdha EECP Heart Care Center

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